ट्रंप टैरिफ क्या है? (What is Trump Tariff?)

ट्रंप टैरिफ 2025 में अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump द्वारा घोषित वह आयात शुल्क है, जिसमें भारत सहित कई देशों के प्रोडक्ट्स पर अमेरिका ने अतिरिक्त 25% शुल्क लगा दिया। कई प्रमुख सेक्टरों पर असर डालते हुए, कुल शुल्क 50% तक पहुंच गया है।

टेक्सटाइल सेक्टर पर टैरिफ और उसका प्रभाव

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कितना प्रतिशत टैरिफ लगा?

  • Texiles & Apparel पर कुल टैरिफ 50% है, जिसमें बेस ड्यूटी + सेकेंडरी टैरिफ शामिल है।
  • 2025 में यह टैरिफ 25% से बढ़कर 50% कर दिया गया।

असर क्या पड़ा?

  • Indian Textile Industry की USA एक्सपोर्ट्स 28-29% तक जाती थी, पर अब कीमतें बढ़ जाने से USA मार्केट में इनकी डिमांड कम हो गई।
  • भारत का एक्सपोर्ट रेवेन्यू इस साल 5-10% तक गिरने का अनुमान है।
  • चीन, वियतनाम, बांग्लादेश जैसे देशों को फायदा हुआ, क्योंकि उन देशों पर टैरिफ कम है।
  • छोटे और मध्यम उद्यमों (SMEs) में नौकरियों पर संकट आया है।

डायमंड और जेम्स-जेवेलरी सेक्टर पर टैरिफ

डायमंड्स पर कितना टैरिफ?

  • Cuts & polished diamond, Gems & Jewellery पर भी कुल टैरिफ 50% है।

क्या असर हुआ?

  • USA डायमंड्स का सबसे बड़ा मार्केट है—50% USA टैरिफ के कारण, डायमंड एक्सपोर्ट लगभग 13% घट गया।
  • USA मार्केट की मांग में 50% तक गिरावट आई है, जिससे सूरत जैसी डायमंड इंडस्ट्रीज पर गहरा असर पड़ा।
  • कीमतें बढ़ने के कारण अमेरिकी कस्टमर्स ने डायमंड खरीदना कम कर दिया।
  • लेबर और सप्लाई चैन पर असर पड़ा, हजारों लोगों की नौकरियां खतरे में हैं।

लेदर, फुटवियर और ऑटो पार्ट्स

क्या नया टैरिफ?

  • Leather, footwear, auto parts पर भी 50% तक टैरिफ लागू है। फुटवियर स्पेसिफिकली 45.8%–54.51% के बीच है।
  • Automotive components भी 50% टैरिफ के दायरे में हैं।

असर किन क्षेत्रों पर?

  • भारतीय लेदर, फुटवियर इंडस्ट्री में भी निर्यात में गिरावट आई है। वियतनाम, बांग्लादेश जैसी देशों की कंपनियों को फायदा हो रहा है।
  • ऑटो पार्ट्स पर भी अमेरिकी मार्केट में प्रतियोगिता कमजोर हुई है, जिससे Indian manufacturers को नुकसान हुआ है।

अन्य प्रमुख सेक्टर और टैरिफ

सेक्टरपहले का टैरिफनया टैरिफ (2025)असर
Textile & Apparel25%50%Export गिरा, Loss बढ़ा
Gems & Jewellery25%50%Export रुका, नौकरियां खतरे में
Leather & Footwear25%50%Export गिरा, Margin घटा
Marine Products33%58%समुद्री उत्पाद प्रभावित
Chemicals (Organic)25%50%Input cost बढ़ा
Automobiles & Parts25%50%बिक्री पर असर
Iron/Steel/Aluminium25%50%Construction sector हिट
Machinery & Engineering Goods25%50%Tech export गिरा
Electronics, Pharma0%0%कोई असर नहीं

अमेरिकी नीति बदलाव और भारत की रणनीति (Indian Response)

  • भारत ने तुरंत 40 देशों जैसे UK, जापान, ऑस्ट्रेलिया आदि में एक्सपोर्ट बढ़ाने की योजना बनाई ताकि नुकसान कम किया जा सके।
  • सरकार ने MSME सेक्टर को सपोर्ट करने के लिए पैकेज का प्रस्ताव रखा है ताकि कम्पटीशन पावर बनी रहे।
  • उद्योग जगत मांग कर रहा है कि ट्रेड वार जल्दी सुलझे वरना GDP ग्रोथ में 0.5% तक गिरावट आ सकती है।

क्यों लगाया गया इतना बड़ा टैरिफ?

  • अमेरिका ने भारत द्वारा रूस से सस्ता तेल खरीदने, व्यापार घाटा और घरेलू इकोनॉमी को सपोर्ट करने के नाम पर टैरिफ बढ़ाए।
  • “America First” पॉलिसी के तहत ट्रंप ने घरेलू कंपनियों को सुरक्षा देने के लिए यह कठोर कदम उठाया है।

टैरिफ के लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म इम्पैक्ट

  • शॉर्ट टर्म में Export houses, especially SMEs, पर गहरा आर्थिक दबाव होगा—कई यूनिट्स के बंद होने और लेबर की छंटनी भी हो सकती है।
  • लॉन्ग टर्म में कंपनियां नई मार्केट्स तलाशेंगी, टेक्निकल अपग्रेड करेंगी, और आसान ट्रेड ट्रीटी के साथ बाजार में बनी रहने की कोशिश करेंगी।
  • भारतीय रुपये पर दबाव बढ़ेगा, जिससे इम्पोर्ट महंगा हो सकता है और आउटगोइंग कैपिटल फ्लो बढ़ेगा।

निष्कर्ष (Conclusion)

ट्रंप टैरिफ के कारण 2025 में भारत के टेक्सटाइल, डायमंड, लेदर, ऑटो पार्ट्स सहित अन्य कई सेक्टर को गंभीर झटका लगा है। 50% जैसे अत्यधिक टैरिफ के चलते अमेरिकन मार्केट में भारतीय उत्पाद महंगे हो गए और उनकी डिमांड कट गई। निकट भविष्य में कंपनियों, सरकार और मजदूर वर्ग को कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है, हालाँकि लंबी अवधि में नीतिगत बदलाव और नई मार्केट्स की खोज इसका हल हो सकती है। MSME सेक्टर के लिए यह वक्त बेहद चुनौतीपूर्ण है, वहीं अमेरिकी कस्टमर्स और रिटेलर्स को भी ऊँची कीमतों का सामना करना पड़ेगा।


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