Income Tax Bill 2025: भारत के टैक्स कानून में क्रांतिकारी बदलाव

प्रस्तावना: क्या है नया आयकर विधेयक 2025?

63 साल पुराने आयकर कानून के स्थान पर नया आयकर विधेयक(Income Tax Bill ) 2025 अब Lok Sabha में पारित हो चुका है। इसका उद्देश्य टैक्स कानून को आसान, पारदर्शी, डिजिटल-फ्रेंडली और आधुनिक बनाना है, जिससे कि टैक्सपेयर्स, बिज़नेस, MSME, इन्वेस्टर्स — सबको लाभ हो।

  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे फरवरी 2025 में पेश किया था।
  • लगभग 285 सुझाव सलेक्ट कमेटी व अन्य हितधारकों के द्वारा शामिल किये गये।
  • कानून 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा।

1. नया टैक्स स्लैब और रिबेट स्ट्रक्चर

वार्षिक आयटैक्स दर
₹4,00,000 तकशून्य
₹4,00,001–₹8,00,0005%
₹8,00,001–₹12,00,00010%
₹12,00,001–₹16,00,00015%
₹16,00,001–₹20,00,00020%
₹20,00,001–₹24,00,00025%
₹24,00,001 से अधिक30%
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  • रिबेट: ₹5 लाख तक 100% टैक्स रिबेट या अधिकतम ₹12,500।
  • टेपर्ड रिबेट सिस्टम: ₹12 लाख तक आय के लिए रिबेट अधिकतम ₹60,000 तक। इससे ऊपर टेपर्ड रिबेट लागू होगा।

2. टैक्स फाइलिंग, रिफंड और लेट रिटर्न पर बदलाव

  • अब लेट रिटर्न भरने वालों को जेन्युइन केस में रिफंड मिल सकेगा (बीमारी, तकनीकी कारण आदि)।
  • रिफंड की सुविधा पहले नहीं थी, जिससे टैक्सपेयर्स को समस्या होती थी।
  • टैक्स रिटर्न दाखिल करने के नियम अब* ज्यादा स्पष्ट और डिजिटल-फ्रेंडली* हो गये हैं।

3. TDS, TCS और डिजिटल एसेट्स—नये विनियम

  • TDS/TCS के नियम अब आसानी से समझे जा सकेंगे, सभी सेक्शन एकत्रित और स्पष्ट हैं।
  • डिजिटल एसेट्स (क्रिप्टोकरेंसी) और वर्चुअल संपत्ति को अब कैपिटल गेन के तहत टैक्सेबल माना गया है।
  • एलआरएस के तहत शिक्षा के लिए दिए गए धन पर TCS अब शून्य रहेगा।

4. MSME और बिज़नेस के लिए नियमन

  • MSME की डेफिनिशन अब आधिकारिक MSME एक्ट के अनुसार कर दी गई है।
  • रियायती टैक्स लेने वाली कंपनियों के लिए इंटर-कॉर्पोरेट डिविडेंड पर डिडक्शन वापस लागू—जिससे MSME को फायदा मिलेगा।
  • हानियों को आगे ले जाने और एडजस्ट करने के नियम सुधारे गये हैं।

5. हाउस प्रॉपर्टी और इन्वेस्टर्स के लिए बदलाव

  • प्रॉपर्टी इनकम के नियम पूरी तरह स्पष्ट—वैल्यूएशन, स्टैंडर्ड डिडक्शन, प्री-कंस्ट्रक्शन लोन इंटरेस्ट क्लेम करने का आसान नियम।
  • कैपिटल गेन व डिजिटल एसेट्स की टैक्सिंग अब सीधे नियमों में हैं।

6. डिस्प्यूट्स, मुकदमा और टैक्स अधिकारी का अधिकार

  • टैक्स कानून का लहजा और स्ट्रक्चर बिल्कुल आसान—कंप्लायंस, टैक्सपेयर्स व अधिकारियों के लिये पारदर्शिता।
  • केस और डिस्प्यूट्स कम हो सकें, इसके लिए प्रोविजन सटीक किए गये।
  • डिजिटल अकाउंट/स्पेस तक पहुँच: कर चोरी के शक पर अफसर बैंक अकाउंट, सोशल मीडिया, ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म, ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट तक पहुँच सकते हैं।

7. Unified Pension Scheme और इन्वेस्टमेंट फंड्स में टैक्स छूट

  • Unified Pension Scheme के सब्सक्राइबर्स को नयी टैक्स छूट मिलेगी।
  • सऊदी अरब के पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड को टैक्स छूट।

8. नए कानून की भाषा, भावना, और उद्देश्य

  • पुराने आयकर कानून (1961) की 75 साल पुरानी जटिलता अब आसान व grouped सेक्षनों में बंटी है।
  • बहुत सारी ambiguous language हटाई गई है। तकनीकी शब्दावली व डेफिनिशन स्पष्ट।
  • फेसलेस, डिजिटल-अनुकूल प्रक्रिया — टैक्सपेयर को अफसर के सामने जाने की जरूरत नहीं।
  • टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन अब ज़्यादा ऑटोमैटेड।

9. लागू होने की तिथि और ट्रांजिशन:

  • लागू तिथि: नया आयकर विधेयक 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा।
  • ट्रांजिशन पीरियड में टैक्सपेयर, एजेंसियों को तैयारी का समय मिलेगा।

Summary Table: नया v/s पुराना आयकर कानून

क्षेत्रपुराना कानून (1961)नया विधेयक (2025)
टैक्स स्लैबकई, कम प्रग्रेसिवraised, प्रग्रेसिव
कैपिटल गेनडिजिटल एसेट्स अस्पष्टक्रिप्टो, डिजिटल स्पष्ट
MSME डेफिनिशनविविधMSME Act के अनुरूप
TDS/TCSबिखरे सेक्शनएकत्रित, स्पष्ट
लेट रिटर्न रिफंडनहींजेन्युइन केस में संभव
टैक्स एडमिनमैनुअलफेसलेस, डिजिटल
लागू तिथि1 April 2026

FAQs: सबसे अधिक पूछे जाने वाले प्रश्न

Q1. नया टैक्स विधेयक(Income Tax Bill) कब से लागू होगा?
A. 1 अप्रैल 2026 से।

Q2. टैक्स स्लैब्स में क्या बदलाव हुए?
A. स्लैब्स अब ज्यादा प्रग्रेसिव हैं; ₹4 लाख तक शून्य, फिर क्रमशः 5%–30%।

Q3. क्रिप्टो/डिजिटल एसेट्स पर क्या होगा?
A. अब टैक्सेबल कैपिटल गेन के अंतर्गत माना गया है।

Q4. MSME, बिज़नेस/रिटर्न फाइलिंग को क्या फायदा?
A. MSME डेफिनिशन आधिकारिक, रिटर्न देरी पर genuine केस में रिफंड मिल सकेगा।

Q5. Unified Pension Scheme में नया क्या है?
A. NPS जैसी टैक्स छूट अब UPS को भी मिलेगी।


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