भारतीय एथलेटिक्स को एक बार फिर गर्व का पल मिला जब टोक्यो ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट और विश्व चैंपियन नीरज चोपड़ा ने एनसी क्लासिक 2025 में शानदार प्रदर्शन करते हुए 86.18 मीटर भाला फेंककर स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया। यह टूर्नामेंट कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के प्रतिष्ठित श्री कांतीरवा स्टेडियम में आयोजित हुआ, जिसमें भारत समेत कई देशों के शीर्ष भालाफेंक एथलीटों ने भाग लिया।
टूर्नामेंट की शुरुआत और नीरज की एंट्री
एनसी क्लासिक का यह पहला संस्करण था और भारतीय एथलेटिक्स फेडरेशन ने इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमोट करने का प्रयास किया। इस टूर्नामेंट की सबसे खास बात रही इसमें भाग लेने वाले खिलाड़ी। भारत से नीरज चोपड़ा के साथ-साथ सचिन यादव, यशवीर सिंह, रोहित यादव और साहिल सिलवाल जैसे युवा प्रतिभाशाली भालाफेंक खिलाड़ियों ने भी हिस्सा लिया।
दूसरी ओर, अंतरराष्ट्रीय स्तर से थॉमस रोहलर (जर्मनी), जूलियस येगो (केन्या), कर्टिस थॉम्पसन (अमेरिका), मार्टिन कोनेकनी (चेकिया), रुमेश पथिरागे (श्रीलंका), लुइज मौरिसियो दा सिल्वा (ब्राजील), और साइप्रियन मिर्जिग्लोड (पोलैंड) जैसे नामी खिलाड़ी मैदान में उतरे।
खिलाड़ियों की सूची और व्यक्तिगत रिकॉर्ड
खिलाड़ी का नाम | देश | व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ |
---|---|---|
नीरज चोपड़ा | भारत | 90.23 मीटर |
थॉमस रोहलर | जर्मनी | 93.90 मीटर |
जूलियस येगो | केन्या | 92.72 मीटर |
कर्टिस थॉम्पसन | अमेरिका | 87.76 मीटर |
लुइज मौरिसियो दा सिल्वा | ब्राजील | 86.62 मीटर |
साइप्रियन मिर्जिग्लोड | पोलैंड | 85.92 मीटर |
रुमेश पथिरागे | श्रीलंका | 85.45 मीटर |
सचिन यादव | भारत | 85.16 मीटर |
रोहित यादव | भारत | 83.40 मीटर |
यशवीर सिंह | भारत | 82.57 मीटर |
साहिल सिलवाल | भारत | 81.81 मीटर |
मार्टिन कोनेकनी | चेकिया | 80.59 मीटर |
नीरज चोपड़ा का प्रदर्शन – थ्रो दर थ्रो
पहला प्रयास:
नीरज चोपड़ा ने अपने पहले थ्रो में फाउल किया, जिससे दर्शकों में थोड़ी चिंता की लहर दौड़ गई। हालांकि, यह उनके अनुभव और आत्मविश्वास का ही परिणाम था कि उन्होंने बिना दबाव के अपने बाकी प्रयासों में शानदार वापसी की।
दूसरा प्रयास:
अपने दूसरे प्रयास में नीरज ने 82.99 मीटर का थ्रो किया। यह थ्रो उन्हें शुरुआती दौर में टॉप थ्री में ले आया।
तीसरा प्रयास:
तीसरे प्रयास में नीरज ने अपना सर्वश्रेष्ठ थ्रो करते हुए 86.18 मीटर की दूरी तय की। यही थ्रो उन्हें टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल दिलाने वाला साबित हुआ।
चौथा प्रयास:
यह प्रयास फाउल रहा लेकिन चूंकि उनका तीसरा प्रयास बाकी खिलाड़ियों से बेहतर था, इस कारण उनके पोजीशन पर कोई असर नहीं पड़ा।
पांचवां प्रयास:
पांचवे प्रयास में उन्होंने 84.07 मीटर थ्रो किया जो कि उनके आत्मविश्वास और निरंतरता को दर्शाता है।
छठा प्रयास:
अंतिम थ्रो में नीरज ने 82.22 मीटर फेंका। यह भी अन्य खिलाड़ियों के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन रहा, जिससे उन्होंने अपनी स्थिति को और मजबूत किया।
अन्य खिलाड़ियों का प्रदर्शन
- जूलियस येगो (केन्या): उन्होंने 84.51 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो कर रजत पदक अपने नाम किया।
- रुमेश पथिरागे (श्रीलंका): उन्होंने 80.10 मीटर की दूरी तय की और कांस्य पदक जीतने में सफल रहे।
- सचिन यादव: भारतीय खिलाड़ी ने 82.33 मीटर का थ्रो किया लेकिन वह पोडियम फिनिश से चूक गए।
- कर्टिस थॉम्पसन: अमेरिकी खिलाड़ी ने 81.50 मीटर तक का थ्रो किया।
नीरज चोपड़ा: एक बार फिर “गोल्डन बॉय”
नीरज चोपड़ा अब सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि भारत की नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा बन चुके हैं। ओलंपिक गोल्ड, वर्ल्ड चैंपियनशिप, डायमंड लीग और अब एनसी क्लासिक – हर मंच पर उन्होंने भारत का नाम ऊंचा किया है।
उनकी यह जीत इसलिए भी खास है क्योंकि यह प्रतियोगिता भारत में आयोजित हुई और घरेलू दर्शकों के सामने प्रदर्शन करना हमेशा अधिक चुनौतीपूर्ण होता है। भीड़ की उम्मीदें, दबाव और आत्मविश्वास का संतुलन साधना हर किसी के बस की बात नहीं, लेकिन नीरज ने इसे सहजता से संभाला।
श्री कांतीरवा स्टेडियम में जोश और जुनून
बेंगलुरु के श्री कांतीरवा स्टेडियम का माहौल किसी अंतरराष्ट्रीय इवेंट से कम नहीं था। हजारों दर्शक नीरज चोपड़ा और अन्य सितारों को लाइव देखने के लिए उमड़े। जैसे ही नीरज ने 86.18 मीटर का थ्रो किया, पूरा स्टेडियम तालियों और जयघोषों से गूंज उठा।
क्या बोले नीरज चोपड़ा?
मैच के बाद नीरज ने कहा:
“भारत में हो रहे इस स्तर के टूर्नामेंट का हिस्सा बनना गर्व की बात है। यहां की ऊर्जा और दर्शकों का समर्थन वाकई प्रेरणादायक रहा। मेरा लक्ष्य हमेशा बेहतर प्रदर्शन करना है और आने वाले बड़े टूर्नामेंट्स के लिए यह जीत अहम साबित होगी।”
आने वाले टूर्नामेंट्स की तैयारी
नीरज अब पेरिस ओलंपिक 2028 और वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2026 की तैयारियों में जुट जाएंगे। यह प्रदर्शन उनके फॉर्म को दिखाता है और आने वाले समय में भारत को एक और अंतरराष्ट्रीय गोल्ड मेडल मिलने की उम्मीद मजबूत होती है।
भारत के लिए क्या मायने रखता है यह टूर्नामेंट?
- यह भारत में आयोजित एक इंटरनेशनल ग्रेड टूर्नामेंट था, जिससे भारत की स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर को पहचान मिली।
- युवा खिलाड़ियों को बड़े दिग्गजों के साथ खेलने का मौका मिला, जो उनके करियर में मील का पत्थर साबित होगा।
- दर्शकों को लाइव इंटरनेशनल स्टैंडर्ड का मुकाबला देखने का अवसर मिला।
निष्कर्ष
नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि वे भारत के सबसे भरोसेमंद और शानदार एथलीटों में से एक हैं। उनकी हर जीत सिर्फ एक पदक नहीं, बल्कि भारत के युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा और देश के लिए गर्व का प्रतीक है।
एनसी क्लासिक 2025 का यह आयोजन भले ही अपना पहला संस्करण था, लेकिन इसे मिली सफलता, खिलाड़ियों की भागीदारी और दर्शकों का उत्साह देखकर यह तय है कि आने वाले वर्षों में यह एथलेटिक्स की दुनिया में एक प्रतिष्ठित टूर्नामेंट बन जाएगा।
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