तेलुगु सिनेमा के लोकप्रिय और बहुप्रशंसित अभिनेता कोटा श्रीनिवास राव (Kota Srinivasa Rao) का 83 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। यह दुखद समाचार खुद आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने ट्विटर के माध्यम से साझा किया। उनके निधन की खबर ने फिल्म इंडस्ट्री से लेकर फैन्स तक को गमगीन कर दिया है।
🔷 कोटा श्रीनिवास राव: एक परिचय
कोटा श्रीनिवास राव का जन्म 26 जुलाई 1942 को आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में हुआ था। वे एक भारतीय चरित्र अभिनेता (Character Actor), थिएटर कलाकार और राजनेता भी रहे हैं। उन्होंने तेलुगु, तमिल, हिंदी, मलयालम और कन्नड़ फिल्मों में अभिनय किया।
उनका नाम उन चुनिंदा अभिनेताओं में आता है जिनके अभिनय की विविधता और गहराई को समीक्षकों और दर्शकों ने एक जैसी सराहना दी।
🎬 फिल्मी करियर की शुरुआत
कोटा श्रीनिवास राव ने अपने करियर की शुरुआत थिएटर से की थी। वे एक प्रशिक्षित मंच कलाकार (trained theatre artist) थे। उन्होंने वर्ष 1978 में फिल्म “Pranam Khareedu” से बड़े पर्दे पर डेब्यू किया, जिसमें चिरंजीवी ने भी मुख्य भूमिका निभाई थी।
🌟 प्रमुख फिल्में
उनकी कुछ प्रसिद्ध फिल्मों में शामिल हैं:
- Aha Naa Pellanta (1987)
- Gaayam (1993)
- Pratighatana (1985)
- Rakta Charitra (2010)
- Attarintiki Daredi (2013)
- Shivamani (2003)
- Sarkar (2005 – Hindi)
- Baazigar (1993 – Hindi)
इन फिल्मों में उन्होंने खलनायक (villain), हास्य अभिनेता (comedy role), और गंभीर पिता या राजनेता जैसी भूमिकाएं निभाईं।
🏆 पुरस्कार और सम्मान
उनके उत्कृष्ट अभिनय के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया:
- नंदी अवार्ड (Nandi Award) – उन्हें छह बार यह प्रतिष्ठित राज्य पुरस्कार मिला।
- सिनेमा एक्सप्रेस अवार्ड्स
- साउथ इंडियन इंटरनेशनल मूवी अवार्ड (SIIMA)
- भारतीय सिनेमा में योगदान के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
वर्ष 2015 में उन्हें पद्म श्री से भी नवाज़ा गया, जो भारत सरकार द्वारा चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है।
🏛️ राजनीति में प्रवेश
फिल्मों के साथ-साथ कोटा श्रीनिवास राव राजनीति में भी सक्रिय रहे। वे तेलुगु देशम पार्टी (TDP) से जुड़े और 1999 में विधायक भी चुने गए। वे आंध्र प्रदेश विधानसभा में विजयवाड़ा ईस्ट सीट से विधायक बने थे।
हालांकि बाद में उन्होंने राजनीति से दूरी बना ली और पूरी तरह से अभिनय में लौट आए।
🎭 अभिनय की शैली
उनकी संवाद अदायगी (dialogue delivery), एक्सप्रेशन और हर किरदार में गहराई से उतरने की कला को फिल्म इंडस्ट्री में एक Benchmark माना जाता है। चाहे कॉमेडी हो, विलेन का रोल या पिता का किरदार — वे हर रोल में अपनी छाप छोड़ जाते थे।
उनका मशहूर डायलॉग:
“Nenu kota… kota srinivasa rao…”
इस संवाद के साथ उनका हँसता हुआ चेहरा अब केवल यादों में रहेगा।
💔 निधन की खबर और शोक की लहर
13 जुलाई 2025 को उन्होंने अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि वे पिछले कुछ महीनों से उम्रजनित बीमारियों से जूझ रहे थे।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने ट्वीट करके उनके निधन की पुष्टि की:
“Kota Srinivasa Rao garu was a towering personality in Telugu cinema. His demise is a huge loss. I extend my deepest condolences to his family.”
उनके निधन पर टॉलीवुड के कई कलाकारों, निर्देशकों और राजनेताओं ने श्रद्धांजलि दी:
- चिरंजीवी: “A versatile actor and a dear friend. Will miss him deeply.”
- एस.एस. राजामौली: “A pillar of Telugu cinema. Thank you Kota garu for your legacy.”
- महेश बाबू, नागार्जुन, जूनियर एनटीआर जैसे सितारों ने भी सोशल मीडिया पर शोक जताया।
👨👩👦 निजी जीवन
कोटा श्रीनिवास राव के परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटा और बेटी हैं। उनका बेटा कोटा वेंकटेश भी फिल्मों में सक्रिय हैं लेकिन उतनी प्रसिद्धि नहीं पा सके।
उन्हें पारिवारिक जीवन से गहरा लगाव था। फिल्मों में भले ही उन्होंने कठोर पिता या विलेन का किरदार निभाया हो, असल जिंदगी में वे बेहद संवेदनशील और सादगी पसंद व्यक्ति थे।
🕯️ अंतिम संस्कार
उनका अंतिम संस्कार 14 जुलाई को हैदराबाद में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। बड़ी संख्या में फिल्मी हस्तियां और राजनीतिक नेता शामिल हुए।
📽️ फिल्म इंडस्ट्री की प्रतिक्रिया
फिल्म इंडस्ट्री के लिए कोटा श्रीनिवास राव की कमी कभी पूरी नहीं हो सकती। उन्होंने 700 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया और हर फिल्म में एक अलग अंदाज से दर्शकों को प्रभावित किया।
उनकी कला आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा रहेगी।
📚 उनके जीवन से सीख
- बहुमुखी प्रतिभा: कोटा श्रीनिवास राव ने यह साबित किया कि केवल हीरो ही नहीं, चरित्र अभिनेता भी फिल्म की रीढ़ हो सकते हैं।
- संघर्ष से सफलता: थिएटर से लेकर सिनेमा तक का सफर आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने हर बाधा को पार किया।
- राजनीति और कला का संगम: वे अभिनय के साथ-साथ समाजसेवा में भी सक्रिय रहे।
📺 अंतिम वर्षों में उनका योगदान
अपने जीवन के अंतिम वर्षों में उन्होंने कुछ फिल्में और टेलीविज़न शोज में अतिथि भूमिका भी निभाई। वे सामाजिक मुद्दों पर भाषण देने और कलाकारों के लिए वर्कशॉप आयोजित करने में व्यस्त रहे।
🙏 श्रद्धांजलि
Kota Srinivasa Rao भले ही अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका काम, आवाज़, अभिनय और जीवन हम सभी के लिए हमेशा प्रेरणास्त्रोत बना रहेगा।
“Artists never die. They live through their work forever.”
– और कोटा श्रीनिवास राव जी का काम सिनेमा की दुनिया में हमेशा जीवित रहेगा।
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