प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की त्रिनिदाद एंड टोबैगो यात्रा: सांस्कृतिक संगम और वैश्विक संबंधों की नई इबारत

PM Modi Trinidad-Tobago Visit: त्रिनिदाद-टोबैगो का सर्वोच्च सम्मान, सांस्कृतिक संगम और वैश्विक संबंधों की नई इबारत

PM Modi भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अंतरराष्ट्रीय यात्राएं हमेशा से भारत की कूटनीतिक शक्ति और सांस्कृतिक विस्तार का प्रतीक रही हैं। 2025 में उनकी त्रिनिदाद एंड टोबैगो यात्रा न केवल ऐतिहासिक थी, बल्कि यह दो देशों के गहरे ऐतिहासिक और भावनात्मक संबंधों को नए सिरे से मजबूत करने वाली साबित हुई। यह यात्रा खास इसलिए भी रही क्योंकि पीएम मोदी को इस कैरेबियाई देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्रदान किया गया और वे त्रिनिदाद एंड टोबैगो की संसद को संबोधित करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने।


1. त्रिनिदाद एंड टोबैगो का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक परिचय

त्रिनिदाद एंड टोबैगो एक द्वीपीय राष्ट्र है जो कैरेबियन सागर में स्थित है। यह देश 1498 में क्रिस्टोफर कोलंबस द्वारा खोजा गया था और बाद में ब्रिटिश उपनिवेश बन गया। 1962 में इसे स्वतंत्रता प्राप्त हुई। इसकी आबादी में भारतीय मूल के लोगों की बड़ी संख्या है, जो इसे भारत से विशेष रूप से जोड़ता है।

भारतीय प्रवासियों का इतिहास

करीब 180 साल पहले, 1845 में भारत से पहला जहाज “फाते अल रज़ाक” 225 प्रवासियों को लेकर त्रिनिदाद पहुंचा। ये लोग ब्रिटिश शासन के अंतर्गत गन्ने के खेतों में काम करने लाए गए थे। यहीं से भारत और त्रिनिदाद के बीच संबंधों की नींव पड़ी


2. प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का आरंभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घाना की सफल यात्रा के बाद 4 जुलाई 2025 को त्रिनिदाद एंड टोबैगो की राजधानी पोर्ट ऑफ स्पेन में कदम रखा। वहां एयरपोर्ट पर उनका पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया। इस यात्रा का उद्देश्य केवल राजनीतिक नहीं था, बल्कि यह सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और भावनात्मक जुड़ाव को मजबूत करने का एक माध्यम भी था।


3. गार्ड ऑफ ऑनर और स्वागत समारोह

त्रिनिदाद की संसद पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। यह सम्मान विदेशी राष्ट्राध्यक्षों को तभी दिया जाता है जब देश उनसे विशेष मैत्री या सांस्कृतिक जुड़ाव महसूस करता है।

वहां की सरकार और जनता ने मोदी का जोरदार स्वागत किया। त्रिनिदाद एंड टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू और प्रधानमंत्री डॉ. कीथ रोवले ने उनकी अगवानी की।


4. संसद में ऐतिहासिक भाषण

प्रधानमंत्री मोदी को त्रिनिदाद एंड टोबैगो की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करने का ऐतिहासिक अवसर प्राप्त हुआ। वे इस देश की संसद में भाषण देने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने।

मुख्य बातें:

1. प्रवासी भारतीयों का योगदान

मोदी ने कहा, “180 साल पहले भारत से जो लोग खाली हाथ इस धरती पर आए थे, उन्होंने अपनी संस्कृति, परंपरा और मेहनत से इस देश की नींव मजबूत की।”

2. महिलाओं की भूमिका

प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें संसद में इतनी बड़ी संख्या में महिला सांसदों को देखकर गर्व हो रहा है। भारतीय संस्कृति में नारी सम्मान की परंपरा रही है और उन्होंने स्कंद पुराण का हवाला देते हुए कहा, “एक बेटी दस बेटों के बराबर सुख लाती है।”

3. लोकतंत्र की भारतीय अवधारणा

उन्होंने कहा, “भारत में लोकतंत्र केवल राजनीतिक व्यवस्था नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है। भारत के बिहार राज्य में स्थित महाजनपदों की भूमि से कई लोग त्रिनिदाद पहुंचे हैं, जो प्राचीन गणराज्य की परंपरा को लेकर आए।”

4. क्रिकेट के माध्यम से जुड़ाव

प्रधानमंत्री ने त्रिनिदाद की वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम की सराहना करते हुए कहा, “भारतीय लोग वेस्टइंडीज टीम के बड़े प्रशंसक हैं – जब तक वे भारत के खिलाफ न खेलें।” इस पर पूरा सदन हंस पड़ा और तालियों से स्वागत किया।


5. त्रिनिदाद का सर्वोच्च सम्मान

प्रधानमंत्री मोदी को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्रदान किया गया, जो अब तक किसी भी विदेशी नेता को नहीं दिया गया था। यह पुरस्कार भारत और त्रिनिदाद के ऐतिहासिक संबंधों, सांस्कृतिक जुड़ाव और वैश्विक मंचों पर भारत की भूमिका को मान्यता देने के लिए दिया गया।

मोदी ने कहा, “यह सम्मान केवल मुझे नहीं, बल्कि भारत के 140 करोड़ नागरिकों और प्रवासी भारतीयों की भावना को समर्पित है।”


6. भारत-त्रिनिदाद संबंधों का वर्तमान और भविष्य

व्यापारिक सहयोग:

भारत और त्रिनिदाद के बीच तेल, गैस, उर्वरक और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग की संभावना है। मोदी की यात्रा में इस दिशा में भी कई संभावनाएं खुली हैं।

शिक्षा और संस्कृति:

दोनों देशों के बीच भारतीय सांस्कृतिक केंद्र, हिंदी प्रचार, आयुर्वेद, योग और शैक्षणिक आदान-प्रदान को और बढ़ावा देने की चर्चा हुई।

प्रवासी भारतीयों के लिए संदेश:

मोदी ने कहा, “जो लोग अपने पूर्वजों को याद करते हैं, वही उज्जवल भविष्य की ओर बढ़ते हैं। मैं त्रिनिदाद के लोगों में भारतीयता की झलक देखकर भावविभोर हूं।”


7. महिला सशक्तिकरण और नेतृत्व

प्रधानमंत्री ने इस बात पर गर्व जताया कि त्रिनिदाद एंड टोबैगो की राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों महिलाएं हैं और दोनों भारतीय मूल की हैं। उन्होंने कहा कि यह भारतीय नारीशक्ति और संस्कृति की जीत है।


8. भारत की वैश्विक भूमिका और त्रिनिदाद में उसकी झलक

आज भारत G20, BRICS, और संयुक्त राष्ट्र जैसे मंचों पर मजबूत स्थिति में है। त्रिनिदाद जैसे छोटे लेकिन महत्वपूर्ण देशों से मजबूत रिश्ते भारत की वैश्विक रणनीति का हिस्सा हैं।


9. मीडिया और जनता की प्रतिक्रिया

त्रिनिदाद की स्थानीय मीडिया ने पीएम मोदी के भाषण और सम्मान को ‘इतिहास रचने वाला क्षण’ बताया। वहां के नागरिकों, खासकर भारतीय मूल के लोगों में भारी उत्साह था।


10. एक भावनात्मक और सफल यात्रा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह यात्रा भारत की सांस्कृतिक शक्ति, राजनयिक सामर्थ्य और प्रवासी भारतीयों के प्रति सम्मान का प्रतीक रही। यह यात्रा केवल एक राजनयिक दौरा नहीं थी, बल्कि यह भारत की आत्मा को कैरेबियाई दिलों तक पहुंचाने वाला सेतु बन गई।

इस दौरे ने भारत और त्रिनिदाद एंड टोबैगो के रिश्तों को नई दिशा और ऊर्जा दी है, जो आने वाले वर्षों में दोनों देशों के बीच गहरे सहयोग का आधार बनेगी।

पीएम मोदी के दौरे से जुड़ी लाइव अपडेट्स यहां पढ़िए www.amarujala.com



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